ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और पहचान के तरीकों को जानना बहु
त महत्वपूर्ण है ताकि समय पर उपचार किया जा सके। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने के लिए आप निम्नलिखित लक्षणों और संकेतों पर ध्यान दे सकते हैं:
स्तन में गाँठ या lump: अगर आपके स्तन या बगल के हिस्से में कोई ठोस गांठ महसूस हो, जो धीरे-धीरे बढ़ रही हो, तो यह एक संकेत हो सकता है।
स्तन या बगल में सूजन: अगर आपके स्तन या बगल के क्षेत्र में सूजन या वृद्धि हो रही हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
स्तन की त्वचा में बदलाव: अगर आपकी स्तन की त्वचा पर रंग बदलने या खिंचाव की समस्या हो, जैसे कि लालिमा, पपड़ी या दाग, तो इसे देखें।
निप्पल से स्राव: यदि निप्पल से खून या पीला स्राव निकल रहा है, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है।
निप्पल की स्थिति में बदलाव: अगर निप्पल की स्थिति में कोई असामान्य बदलाव हो, जैसे कि अंदर की ओर खिंचाव या दाग, तो इसे जांचना चाहिए।
निप्पल की आकृति में बदलाव: निप्पल का आकार या आकृति बदलना भी एक संकेत हो सकता है।
स्तन में दर्द: हालांकि ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर दर्दनाक नहीं होता, लेकिन कभी-कभी कैंसर से प्रभावित क्षेत्र में दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है।
स्तन की सामान्य अवस्था में परिवर्तन: अगर आपकी स्तन की सामान्य आकृति या संरचना में कोई अचानक बदलाव हो, तो इसे डॉक्टर से जांचवाना चाहिए।
यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव करते हैं या आपकी चिंता बढ़ रही है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहद ज़रूरी है। डॉक्टर सामान्य परीक्षा के साथ-साथ अतिरिक्त परीक्षण, जैसे कि मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड या बायोप्सी, की सिफारिश कर सकते हैं ताकि सटीक निदान किया जा सके।
समय पर जांच और इलाज से ब्रेस्ट कैंसर का प्रभावी उपचार संभव होता है, इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच और खुद से आत्म-परीक्षण करना महत्वपूर्ण है।
इलाज
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर का प्रकार, स्टेज (अवस्था), और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति। आमतौर पर, इलाज के लिए एक या एक से अधिक तरीकों का संयोजन किया जाता है। यहाँ ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के कुछ मुख्य विकल्प दिए गए हैं:
1. सर्जरी (Surgery)
- लमेक्टोमी (Lumpectomy): इसमें केवल कैंसरग्रस्त गाँठ और उसके आस-पास का छोटा सा हिस्सा हटाया जाता है।
- मास्टेक्टॉमी (Mastectomy): इसमें पूरे स्तन को हटा दिया जाता है। इसमें सिंगल मास्टेक्टॉमी (एक स्तन की सर्जरी) या डबल मास्टेक्टॉमी (दोनों स्तनों की सर्जरी) शामिल हो सकती है।
- सर्विकल नोड बायोप्सी (Sentinel Node Biopsy): इसमें केवल उन लिम्फ नोड्स को हटाया जाता है जो सबसे पहले कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं।
2. रेडियेशन थैरेपी (Radiation Therapy)
रेडियेशन थैरेपी में कैंसर से प्रभावित क्षेत्र पर उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग किया जाता है ताकि कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सके। यह आमतौर पर सर्जरी के बाद किया जाता है ताकि कैंसर के संभावित अवशेषों को समाप्त किया जा सके।
3. कीमोथैरेपी (Chemotherapy)
कीमोथैरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह दवाएँ आमतौर पर ओरल (गोलियों के रूप में) या इंट्रावीनस (इंजेक्शन के रूप में) होती हैं। कीमोथैरेपी सर्जरी से पहले (नेओडजुवेंट कीमोथैरेपी) या बाद में (एडजुवेंट कीमोथैरेपी) की जा सकती है।
4. हॉर्मोन थैरेपी (Hormone Therapy)
हॉर्मोन थैरेपी उन ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए की जाती है जो हॉर्मोन रिसेप्टर्स (एस्त्रोजन या प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर्स) को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। इसमें एंटी-एस्त्रोजन दवाएँ (जैसे तमोक्सीफेन) या एरीमैटेज़ इनहिबिटर्स (जैसे अनस्त्रोजोल) शामिल हो सकती हैं।
5. टार्गेटेड थैरेपी (Targeted Therapy)
टार्गेटेड थैरेपी विशेष प्रकार की दवाओं का उपयोग करती है जो कैंसर की कोशिकाओं की विशिष्ट विशेषताओं को निशाना बनाती हैं। इसका एक उदाहरण HER2-positivity वाले ब्रेस्ट कैंसर के लिए ट्रास्टुज़ुमाब (Herceptin) है।
6. इम्यूनोथैरेपी (Immunotherapy)
इम्यूनोथैरेपी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह विशेष रूप से उन मामलों में प्रयोग की जाती है जहां अन्य उपचार विकल्पों का असर नहीं हो रहा हो।
7. पैलीएटिव केयर (Palliative Care)
पैलीएटिव केयर का उद्देश्य रोगी की जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और लक्षणों को नियंत्रित करना है, विशेष रूप से जब कैंसर इलाज के लिए नहीं हो सकता या अन्य उपचारों के साथ साथ दी जाती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें